खेत-तालाब एवं अमृत सरोवर योजना – ग्रामीण जल संरक्षण की ओर एक कदम

खेत-तालाब एवं अमृत सरोवर योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक जल संरक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य 8,500 ग्रामीण तालाबों का निर्माण करना और नए शहरी आवासों में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाना है। यह योजना जल संकट को दूर करने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने और भूजल स्तर में सुधार करने में मदद करेगी।

इस लेख में योजना के उद्देश्य, लाभ, कार्यान्वयन प्रक्रिया, आवेदन विधि और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से समझाया गया है।


योजना का उद्देश्य

  • ग्रामीण क्षेत्रों में 8,500 तालाबों का निर्माण कर जल संरक्षण को बढ़ावा देना।
  • नए शहरी आवासीय परियोजनाओं में वर्षा जल संचयन (RWH) को अनिवार्य बनाना।
  • किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराना।
  • भूजल स्तर में सुधार करना और सूखे की स्थिति को कम करना।
  • मत्स्य पालन और अन्य जल-आधारित आजीविका को बढ़ावा देना।

योजना की शुरुआत और कार्यान्वयन

  • शुरुआत की तिथि: 2022-23 (UP बजट में घोषित)
  • कार्यान्वयन कर्ता:
    • ग्रामीण तालाब: जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग और ग्राम पंचायतें
    • अमृत सरोवर: नगर विकास विभाग और नगर निगम

योजना के प्रमुख घटक

1. खेत-तालाब योजना (ग्रामीण क्षेत्र)

  • 8,500 तालाबों का निर्माण किया जाएगा।
  • प्राथमिकता वाले क्षेत्र: जल संकट वाले और सूखा प्रभावित गाँव।
  • तालाबों का उपयोग: सिंचाई, मत्स्य पालन और पशुधन के लिए पानी की आपूर्ति।

2. अमृत सरोवर योजना (शहरी क्षेत्र)

  • नए आवासीय परियोजनाओं में वर्षा जल संचयन (RWH) अनिवार्य होगा।
  • छत के जल को संग्रहित कर भूजल रिचार्ज किया जाएगा।
  • नगर निगम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।

लाभार्थी और पात्रता

1. ग्रामीण तालाब योजना के लिए

  • लाभार्थी: ग्राम पंचायतें, किसान समूह, स्वयं सहायता समूह (SHG)।
  • पात्रता:
    • जल संकट वाले गाँव।
    • कम से कम 1 हेक्टेयर जमीन तालाब निर्माण के लिए उपलब्ध हो।

2. अमृत सरोवर योजना के लिए

  • लाभार्थी: नए शहरी आवासीय परियोजनाएँ (500 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट)।
  • पात्रता:
    • RWH सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा।
    • नगर निगम से मंजूरी लेनी होगी।

योजना के लाभ

लाभविवरण
जल संरक्षणग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल संचयन बढ़ेगा।
कृषि उत्पादकतासिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा।
भूजल स्तर में सुधारवर्षा जल संचयन से भूजल रिचार्ज होगा।
रोजगार सृजनतालाब निर्माण और रखरखाव में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षणजलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।

आवेदन प्रक्रिया

1. ग्रामीण तालाब योजना के लिए

  1. ग्राम पंचायत/किसान समूह द्वारा आवेदन।
  2. जिला जल संसाधन अधिकारी को प्रस्ताव भेजना।
  3. साइट का निरीक्षण और मंजूरी।
  4. निर्माण कार्य शुरू करना।

2. अमृत सरोवर योजना (शहरी) के लिए

  1. बिल्डर/नागरिक द्वारा नगर निगम में आवेदन।
  2. RWH सिस्टम का डिजाइन जमा करना।
  3. निरीक्षण के बाद मंजूरी मिलेगी।

आवश्यक दस्तावेज

  • ग्रामीण तालाब योजना:
    • जमीन का रिकॉर्ड (खसरा)।
    • ग्राम पंचायत का प्रस्ताव।
    • जल संसाधन विभाग द्वारा अनुमोदन।
  • अमृत सरोवर योजना (शहरी):
    • निर्माण योजना (मकान/बिल्डिंग प्लान)।
    • RWH सिस्टम का विवरण।
    • नगर निगम की मंजूरी।

आधिकारिक वेबसाइट और संपर्क


निष्कर्ष

खेत-तालाब एवं अमृत सरोवर योजना उत्तर प्रदेश में जल संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना किसानों को सिंचाई सुविधा, शहरी क्षेत्रों में जल संचयन और भूजल स्तर में सुधार करने में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।

अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।