दिव्यांग व्यक्तियों के लिए योजना 2025 (गोवा): स्वतंत्र जीवन और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता

भारत में दिव्यांग व्यक्तियों का सशक्तिकरण और समावेश एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। इसी दिशा में, गोवा सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है, जिसका नाम है “उच्च समर्थन आवश्यकता वाले बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए योजना” (Scheme for Persons with Benchmark Disabilities Requiring High Support)। यह योजना उन व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है जिनकी विकलांगता महत्वपूर्ण है और जिन्हें स्वतंत्र जीवन और समग्र कल्याण के लिए उच्च स्तर के समर्थन की आवश्यकता है। यह पहल दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (Rights of Persons with Disabilities Act, 2016) के प्रावधानों के अनुरूप है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखता है।

उच्च समर्थन आवश्यकता वाले बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए योजना क्या है?

यह गोवा सरकार द्वारा शुरू की गई एक व्यापक सहायता योजना है, जिसका उद्देश्य बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों (जैसा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 38 के तहत परिभाषित है) के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है, जिन्हें अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण समर्थन की आवश्यकता होती है। यह योजना वित्तीय सहायता प्रदान करती है जिसका उपयोग सहायक प्रौद्योगिकियों, व्यक्तिगत देखभाल सहायता सेवाओं और शैक्षिक या व्यावसायिक प्रशिक्षण सहायता के लिए किया जा सकता है। इसका अंतिम लक्ष्य इन व्यक्तियों को समाज में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।

योजना का उद्देश्य

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • वित्तीय सहायता प्रदान करना: उच्च समर्थन आवश्यकता वाले बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • स्वतंत्र जीवन को बढ़ावा देना: सहायक उपकरणों, व्यक्तिगत देखभाल सहायकों और प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें अधिक स्वतंत्र रूप से जीने में सक्षम बनाना।
  • जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि: दिव्यांग व्यक्तियों के समग्र कल्याण और जीवन स्तर में सुधार करना।
  • आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना: उन्हें शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण के अवसरों के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में सहायता करना।
  • समावेश को सुनिश्चित करना: यह सुनिश्चित करना कि दिव्यांग व्यक्ति समाज की मुख्यधारा में पूरी तरह से शामिल हो सकें।

लॉन्च की तारीख और कार्यान्वयन निकाय

यह योजना गोवा सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (Department for Empowerment of Persons with Disabilities) द्वारा मई 2025 में आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित की गई है। यह विभाग योजना के प्रशासन, लाभार्थियों के चयन और वित्तीय सहायता के वितरण के लिए जिम्मेदार है।

लक्षित लाभार्थी और पात्रता मानदंड

यह योजना विशेष रूप से गोवा के उन बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है जिन्हें उच्च स्तर के समर्थन की आवश्यकता है। योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदकों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:

पात्रता मानदंड 2025

  • निवास: आवेदक गोवा का वास्तविक निवासी होना चाहिए, चाहे वह जन्म से हो, विवाह से हो, या कम से कम 15 वर्षों के निरंतर अधिवास (continuous domicile) के माध्यम से हो।
  • दिव्यांगता की प्रकृति: आवेदक के पास एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित “बेंचमार्क दिव्यांगता” होनी चाहिए, जिसमें “उच्च समर्थन की आवश्यकता” हो, जैसा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 38 के तहत परिभाषित है।
  • आर्थिक स्थिति: आवेदक को भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित मानदंडों के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section – EWS) श्रेणी से संबंधित होना चाहिए।
  • दोहरे लाभ से बचाव: आवेदक को उसी उद्देश्य के लिए किसी अन्य स्रोत से समान वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं होनी चाहिए।

बेंचमार्क दिव्यांगता: दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुसार, बेंचमार्क दिव्यांगता का अर्थ 40% या उससे अधिक की निर्दिष्ट विकलांगता है। “उच्च समर्थन की आवश्यकता” उन व्यक्तियों पर लागू होती है जिन्हें दैनिक जीवन की गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण समर्थन की आवश्यकता होती है, अक्सर जटिल चिकित्सा या सामाजिक सहायता की आवश्यकता होती है।

योजना के लाभ

इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस राशि का उपयोग विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाना चाहिए।

वित्तीय सहायता का विवरण

लाभ का प्रकारराशि (₹)
एकमुश्त वित्तीय सहायता₹40,000 (चालीस हजार रुपये मात्र)

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वित्तीय सहायता का उपयोग: इस राशि का उपयोग विशेष रूप से निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए:

  • सहायक प्रौद्योगिकियाँ (Assistive Technologies): जैसे व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, ब्रेल उपकरण, विशेष सॉफ्टवेयर आदि।
  • व्यक्तिगत देखभाल सहायता सेवाएँ (Personal Care Assistance Services): दैनिक गतिविधियों जैसे भोजन, स्वच्छता, गतिशीलता आदि में सहायता के लिए।
  • शैक्षिक या व्यावसायिक प्रशिक्षण सहायता (Educational or Vocational Training Support): कौशल विकास और रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए।

पुनः लाभ का प्रावधान: यह अनुदान हर पाँच साल में एक बार प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते पात्रता का पुनर्मूल्यांकन किया जाए।

आवेदन कैसे करें

इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सीधी है, और आवेदन संबंधित विभाग के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया

  1. आवेदन पत्र प्राप्त करें: आवेदक गोवा के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निदेशक कार्यालय से निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
  2. फॉर्म भरें: आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक और पूरी तरह से भरें।
  3. दस्तावेज़ संलग्न करें: सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्व-सत्यापित प्रतियां फॉर्म के साथ संलग्न करें।
  4. जमा करें: भरे हुए आवेदन पत्र और दस्तावेजों को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के निदेशक को प्रस्तुत करें।
  5. उपयोगिता प्रमाण जमा करें: वित्तीय सहायता प्राप्त होने के 90 दिनों के भीतर, लाभार्थियों को प्राप्त राशि के उपयोग का प्रमाण (जैसे रसीदें या चालान) जमा करना अनिवार्य है।

आवश्यक दस्तावेज़

आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • बेंचमार्क दिव्यांगता प्रमाण पत्र: एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र जो उच्च समर्थन आवश्यकता को भी प्रमाणित करता हो।
  • यूडीआईडी (UDID) कार्ड: विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र।
  • ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी का प्रमाण पत्र।
  • निवास प्रमाण पत्र: गोवा के निवासी होने का प्रमाण।
  • उपयोगिता का स्व-घोषणा पत्र: एक स्व-घोषणा कि धनराशि का उपयोग योजना के उद्देश्यों के अनुसार किया जाएगा।
  • बैंक पासबुक की प्रति: बैंक खाते के विवरण के साथ।
  • निधि उपयोग का प्रमाण देने की सहमति: 90 दिनों के भीतर धन उपयोग का प्रमाण प्रदान करने की सहमति।

आधिकारिक वेबसाइट और संपर्क विवरण

किसी भी जानकारी की पुष्टि और नवीनतम अपडेट के लिए, हमेशा आधिकारिक स्रोतों का उपयोग करना उचित है।

  • दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, गोवा सरकार:
    • आधिकारिक वेबसाइट: गोवा सरकार की सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की वेबसाइट देखें। (नोट: 2025 के लिए विशिष्ट वेबलिंक उपलब्ध नहीं है, लेकिन आमतौर पर यह https://socialwelfare.goa.gov.in/ या https://pwd.goa.gov.in/ जैसी वेबसाइटों के तहत पाया जा सकता है)।
    • संपर्क करें: निदेशालय या संबंधित जिला कार्यालयों से संपर्क किया जा सकता है।

निष्कर्ष

गोवा सरकार द्वारा उच्च समर्थन आवश्यकता वाले बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए शुरू की गई यह योजना एक प्रगतिशील कदम है जो समावेशी समाज के निर्माण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह वित्तीय सहायता प्रदान करके दिव्यांग व्यक्तियों को आवश्यक उपकरण, सहायता और प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाती है, जिससे वे अधिक स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जी सकें। यह पहल न केवल व्यक्तिगत कल्याण को बढ़ाती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे, जो एक मजबूत और न्यायपूर्ण राष्ट्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है। यह उम्मीद की जाती है कि यह योजना देश भर में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बेहतर समर्थन प्रणालियों के विकास को प्रोत्साहित करेगी।


राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक योजनाएँ:

भारत सरकार के राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 (National Trust Act, 1999) के तहत भी ऑटिज्म, सेरिब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु-दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याण के लिए कई योजनाएँ चलाई जाती हैं, जिनमें उच्च समर्थन आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए भी प्रावधान हैं। इन योजनाओं में ‘समर्थ योजना’ (रेस्पाइट और आवासीय देखभाल), ‘निरामया’ (स्वास्थ्य बीमा योजना), और ‘घराउन्डा’ (वयस्कों के लिए समूह गृह) जैसी पहलें शामिल हैं। ये योजनाएं अक्सर गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती हैं।

इसके अतिरिक्त, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) राष्ट्रीय निधि (National Fund for Persons with Disabilities) के माध्यम से भी विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिसमें उच्च समर्थन आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए सहायता शामिल हो सकती है, जैसा कि आकलन बोर्ड द्वारा अनुशंसित किया गया हो।

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