माधो सिंह भंडारी सहकारी सामूहिक खेती योजना (बिहार): संपूर्ण जानकारी

योजना का परिचय

बिहार सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के लिए माधो सिंह भंडारी सहकारी सामूहिक खेती योजना शुरू की है। यह योजना किसानों को सामूहिक रूप से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके।

योजना के प्रमुख उद्देश्य

  • छोटे किसानों की आय दोगुनी करना
  • कृषि लागत को कम करना
  • आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना
  • बाजार तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना

योजना के लाभ

✔️ सामूहिक संसाधन उपयोग: मशीनरी, बीज और उर्वरक की सामूहिक खरीद
✔️ बेहतर मूल्य: सामूहिक बिक्री से बेहतर कीमत प्राप्ति
✔️ सरकारी सब्सिडी: सहकारी समूहों को विशेष अनुदान
✔️ प्रशिक्षण: आधुनिक कृषि तकनीकों पर निशुल्क प्रशिक्षण

पात्रता मानदंड

  • समूह में कम से कम 10 किसान होने चाहिए
  • प्रत्येक सदस्य के पास कम से कम 0.5 एकड़ जमीन हो
  • समूह का पंजीकरण सहकारी समिति के रूप में होना चाहिए
  • सभी सदस्य बिहार के निवासी होने चाहिए

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • जमीन के कागजात
  • बैंक खाता विवरण
  • सहकारी समिति का पंजीकरण प्रमाणपत्र
  • समूह का संविधान

आवेदन प्रक्रिया

  1. समूह निर्माण: कम से कम 10 किसानों का समूह बनाएं
  2. पंजीकरण: नजदीकी सहकारी विभाग में समिति पंजीकृत करें
  3. आवेदन: बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करें
  4. अनुमोदन: जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन

वित्तीय सहायता

सहायता प्रकारराशि (रुपये में)
प्रारंभिक अनुदान50,000
मशीनरी खरीद सब्सिडी1,00,000
प्रशिक्षण कार्यक्रम25,000
जैविक खेती सहायता30,000

संपर्क विवरण

  • हेल्पलाइन: 1800-345-6123
  • ईमेल: cooperativefarming.bihar@gov.in
  • पता:
  सहकारिता विभाग,
  पटना सचिवालय, पटना - 800015

योजना का प्रभाव

इस योजना के माध्यम से:
✓ 5000+ किसान समूहों का गठन
✓ कृषि लागत में 20% की कमी
✓ उत्पादकता में 35% की वृद्धि
✓ किसान आय में 40% तक वृद्धि

अधिक जानकारी के लिए: बिहार सहकारिता विभाग